भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर- कलिंग स्थापत्यशैली की उत्कृष्ट कृति
भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर से मेरा सर्वप्रथम परिचय राष्ट्रीय संग्रहालय में आयोजित ‘भारतीय कला’, इस विषय के अध्ययनकाल में हुआ था। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत, मंदिर निर्माण की उत्तर भारतीय नागर स्थापत्यशैली पर दिए...
ओडिशा का जाजपुर इतिहास, धरोहर एवं किवदंतियां
भारत एक प्राचीन भूमि है। भारत में अनेक ऐसे स्थान हैं जो प्रोटो-ऐतिहासिक काल अर्थात् प्रागैतिहासिक काल एवं इतिहास काल के मध्य से अब तक अनवरत अखंड रूप से बसे हुए हैं। हम सब...
कला भूमि – भुवनेश्वर ओडिशा का शिल्प संग्रहालय
कला भूमि - ओडिशा शिल्प संग्रहालय आधुनिक काल के सर्वोत्कृष्ट संग्रहालयों में से एक है जहां ओडिशा की उत्कृष्ट विरासत को कला एवं शिल्प के रूप में सर्वोत्तम रूप से प्रदर्शित किया गया है।...
भुवनेश्वर का आदिवासी संग्रहालय – एक परिचय
हम जब भी पर्यटन के लिए किसी गंतव्य में जाते हैं, हमारी पर्यटन क्रियाकलापों की सूची में स्थानीय विशेषताओं एवं आकर्षणों के अंतर्गत वहां स्थित संग्रहालयों का समावेश अवश्य होता है। हमारी भुवनेश्वर यात्रा...
नंदनकानन प्राणी उद्यान -भुवनेश्वर एक प्राकृतिक चिड़ियाघर
नंदनकानन जूलॉजिकल पार्क अथवा नंदनकानन प्राणी उद्यान, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भ्रमण करने आए पर्यटकों का एक लोकप्रिय गंतव्य! यह उद्यान भुवनेश्वर के लोगों का भी अत्यंत प्रिय भ्रमण स्थल है। स्थानीय भाषा,...
भुवनेश्वर भारत की धरोहर नगरी का इतिहास
“इस धरा के विभिन्न क्षेत्रों में भारत खंड एकमात्र सर्वाधिक विशिष्ट क्षेत्र है। वहीं भारत खंड के सभी प्रदेशों में उत्कल सर्वाधिक प्रसिद्धि का दावा करता है। उत्कल का सम्पूर्ण क्षेत्र एक विशाल अखंड...
ओडिशा की मंगलाजोड़ी आद्रभूमि: जलपक्षियों के स्वर्ग में नौकाविहार
ओडिशा का मंगलाजोड़ी, पर्यावरण एवं पक्षी प्रेमियों का अत्यंत प्रिय गंतव्य है। भारत ही नहीं, अपितु एशिया की विशालतम खारे जल के सरोवर, चिलिका अथवा चिल्का सरोवर के उत्तरी छोर पर स्थित एक गाँव...
पुरी के दर्शनीय स्थल – पञ्चतीर्थ, समुद्र तट, मंदिर, तीर्थ, मठ
पुरी, बंगाल की खाड़ी पर स्थित, भारत के पूर्वी तट का सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। भारत के चार दिशाओं पर स्थित चार धामों में से यह पूर्वी धाम है। आदि शंकराचार्यजी ने अपने...
कलिंग नागर स्थापत्य शैली – रेखा देउल, पीढ देउल, खाखरा देउल
मंदिर स्थापत्य की जो नागर शैली ओडिशा से सम्बंधित रखती है, उसे कलिंग नागर शैली कहते हैं।
नागर शैली का प्रयोग सामान्यतः उत्तर भारत मंदिर वास्तुकला में किया गया है। मंदिर स्थापत्य में नागर शैली...
ओडिशा की प्राची घाटी के समृद्ध पुरातात्विक स्थलों की खोज में
प्राची घाटियों के मध्य से बहती प्राची नदी को भारत के पूर्व दिशा की सरस्वती कहा जाता है। रहस्यमयी सरस्वती सदियों पूर्व लुप्त हो चुकी है। किन्तु प्राची नदी, सीमित परिस्थितियों में ही सही,...