द्वारका गुजरात के आसपास बिखरे प्राचीन तीर्थ स्थान
स्कन्द पुराण के अनुसार द्वारका नगरी को ऐतिहासिक रूप से प्रभास क्षेत्र का ही एक भाग माना जाता है। प्रभास एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है, दीप्तिवान, ज्योतिर्मय, प्रकाशवान, अर्थात जो प्रकाश उत्पन्न...
गुजरात में श्री कृष्ण की स्वर्णिम द्वारका नगरी के १५ अद्भुत पर्यटक स्थल
द्वारका नगरी से कदाचित ही कोई अनभिज्ञ होगा। यह एक प्राचीन नगरी है जो पौराणिक कथाओं से परिपूर्ण है। द्वारका में आप जहां भी जाएँ, ये सब कथाएं आपके समक्ष पुनः पुनः सजीव होती...
अहमदाबाद धरोहर यात्रा – प्राचीन नगर से एक परिचय
दिल्ली और हैदराबाद की तरह अहमदाबाद में भी एक प्राचीन नगर बसा हुआ है, जो आज भी पुरातन काल के उसी दौर में जी रहा है। ये प्राचीन जगहें आपको वापिस पुराने जमाने में...
पोरबंदर- सुदामा व गांधी की जन्मस्थली
पोरबंदर – यह शब्द मेरे कानों में सर्वप्रथम तब पड़ा जब प्राथमिक शाला में हमें महात्मा गांधी पर निबंध लिखने कहा गया था। पोरबंदर की तो छोड़िये, चंडीगड़ में पढ़ रही मुझ जैसी नन्ही...
रुक्मिणी मंदिर – द्वारका की रानी से एक साक्षात्कार
बालपन से ही हमने पढ़ा व सुना था कि श्री कृष्ण की पहली रानी रुक्मिणी थी। कहने का अर्थ है कि उन्होंने सर्वप्रथम रुक्मिणी से विवाह किया था। तत्पश्चात आयीं सत्यभामा, जाम्बवती तथा अन्य।...
द्वारकाधीश मंदिर का वास्तुशिल्प- विलक्षण द्वारका की अद्भुत धरोहर
वो कहते हैं ना की द्वारका के सभी रास्ते द्वारकाधीश मंदिर की ओर जाते हैं। यह बांका ऊँचा मंदिर भारत के सुदूर पश्चिमी छोर पर स्थित है जहां गोमती नदी का अरब सागर से...
बेट द्वारका महाभारत की स्वर्णिम नगरी के दर्शनीय स्थल
कुछ दिनों पूर्व मुझे गुजरात के द्वारका की यात्रा का अनमोल अवसर प्राप्त हुआ था। मैंने इस अवसर का पूर्ण लाभ उठाने का निश्चय किया तथा बेट द्वारका को अपनी यात्रा कार्यक्रम में प्रथम...
तांबेकर वाड़ा – जहाँ पर दीवारें कहानियाँ सुनाती हैं, वडोदरा
तांबेकर वाड़ा – भित्तिचित्र
एक जमाने में हमारे घर की दीवारें हमारी चित्रकारी की कार्यशालाएं हुआ करती थीं, जो हमारी बेशकीमती संपत्ति थी। जो कुछ हमे अच्छा लगता था या जो हमारे मन में...
लोथल – सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेषों का अवलोकन
लोथल उस भारत का चिन्ह है जिस काल में भारतीय उपमहाद्वीप में बहती सरस्वती नदी के किनारे पर मानव जीवन का वास हुआ करता था। जिसके प्रमाण आज भी सरस्वती नदी और उसकी उप-नदियों...
सहस्त्रलिंग तलाव – एक प्राचीन विरासत, पाटण गुजरात
मंत्रमुग्ध कर देनेवाली रानी की वाव के ठीक पीछे सहस्त्रलिंग तलाव स्थित है। अगर आज भी यह संरचना अपने पूर्ण स्वरूप में होती तो रानी की वाव से अधिक शानदार हो न हो पर...