कुछ समय पूर्व हमने अपने पाठकों से एक प्रश्न पूछा था इंडीटेलस के फेसबुक पृष्ठ तथा ट्विट्टर हत्थे पर। विषय था देवियों के नाम पर आधारित भारतीय नगर-नगरियों की सूची। प्रेषित करने से पूर्व मैंने स्वयं देवी के नाम पर आधारित नगरों की सूची बनानी चाही थी। केवल पांच नगरों के नाम ही मेरे मानसपटल पर उभर कर आये। इनमें से ३ मुख्य नगरों के नामों से सूची का आरम्भ करते हुए मैंने प्रेषकों से सूची में वृद्धि करने का आवाहन किया था।
इस प्रश्न मञ्जूषा को प्रेषकों ने भरपूर प्रतिक्रिया से अलंकृत किया। प्रेषकों का योगदान मेरी कल्पना से परे था। इनमें कुछ के नामों से मैं परिचित थी, किन्तु देवी-देवताओं से उनके सम्बन्ध से किंचित अनभिज्ञ थी। उदाहरणतः अम्बाला। कुछ ऐसे प्रश्न मानसपटल पर उभरे जिनके अत्यंत रोचक उत्तर प्रकट हुए। जैसे मीरजापुर को अब तक मिर्ज़ापुर समझ कर भ्रमित हो रही थी।
जैसे ही मैंने फेसबुक तथा ट्विट्टर से प्राप्त नामों को सूचीबद्ध करना आरम्भ किया, मुझे ऐसा प्रतीत हुआ जैसे सम्पूर्ण भारत देवी के चिन्हों से अलंकृत है। सम्पूर्ण भारतवंश देवी को समर्पित धार्मिक स्थलों से परिपूर्ण है। और हां, भारतवर्ष में फैले देवी के ५१ शक्तिपीठों इस सूची में नहीं हैं। यूं भी शक्तिपीठयुक्त सर्व ५१ स्थलों के नाम देवी को समर्पित नहीं हैं। अतः यदि इन शक्तिपीठों को भी भारत के नक़्शे पर अंकित किये जाएँ, तो आपको देवी के वर्चस्व का सही आभास होगा।
देवी के नामों पर आधारित कई नगर भारत के सीमापार भी हैं। आप सब जानते हैं कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका है। किन्तु क्या आप जानते हैं कि ढाका शब्द की व्युत्पत्ति कहाँ से हुई है? आईये आपकी जिज्ञासा शांत करती हूँ। ढाका शब्द देवी के एक नाम दक्षिणेश्वरी देवी से उत्पन्न है।
देवी के नामों से अलंकृत इन भारतीय नगरों के नामों की जानकारी मेरे लिए किसी आविष्कार से कम नहीं थी। इनमें से प्रत्येक नगर में देवी का मंदिर निर्मित है जहाँ देवी के उस रूप की प्रतिमा स्थापित है जिस पर आधारित नाम नगर को प्रदान किया गया है। मेरी अभिलाषा है कि मैं इन सर्व मंदिरों के छायाचित्र ले कर आपके साथ साझा करूं। किन्तु इस कार्य के पूर्ण होने में समय लगेगा। अतः अभी के लिए मैं केवल इन नगरों के नाम आप के साथ साझा कर रही हूँ।
आप सब से अपेक्षा करती हूँ कि यदि आप के पास इन मंदिरों के चित्र हों तो आप अवश्य उन्हें मुझसे साझा कर इस संस्करण को धनी बनाने में मेरी सहायता करेंगे।
देवी के नाम धारित नगरों की सूची
1. मुंबई (महाराष्ट्र) – मुम्बा देवी अथवा महा-अम्बा देवी – कोली समुदाय की अधिष्ठात्री देवी
2. चंडीगड़ (चंडीगड़) – चंडी देवी
3. मंगलुरु (कर्नाटका) – मंगला देवी
4. शिमला (हिमाचल प्रदेश) – श्यामला देवी
5. कोलकाता (पश्चिम बंगाल) –काली देवी
6. कन्याकुमारी (तमिल नाडू) – कन्याकुमारी
7. तुलजापुर (महाराष्ट्र) – तुलजा भवानी
8. त्रिपुरा (त्रिपुरा) – त्रिपुर सुन्दरी
9. हासन (कर्नाटका) – हासनम्बे या हासन अम्बे
10. अम्बेजोगई (महाराष्ट्र) – अम्बा जोगेश्वरी
11. मैसूरू (कर्नाटका) – महिषासुरमर्दिनी
12. अम्बाला (हरियाणा) – भवानी अम्बा देवी
13. दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) – माँ दुर्गा
14. नैनीताल (उत्तराखंड) – नैनी देवी
15. पटना (बिहार) – पाटन देवी
16. किरीटेश्वर (पश्चिम बंगाल) – किरीटेश्वरी देवी
17. भौचार्जी (गुजरात) – बहुचर माता
18. श्री नगर (जम्मू काश्मीर) – श्री देवी अथवा लक्ष्मी देवी। यह श्री चक्र की अभिव्यक्ति है जो हरी पर्वत के ऊपर स्थित शारिका देवी पीठ के रूप में स्थापित है।
19. जींद (हरियाणा) – जयंती देवी – जैन्तापुरी – तथाकथित रूप से पांडवों द्वारा स्थापित।
20. अम्बाजी (गुजरात) – अम्बा देवी
21. विजयवाड़ा (आन्ध्र प्रदेश) – विजय दुर्गा अथवा कनक दुर्गा
22. संबलपुर (उड़ीसा) – समलाई देवी/समलेश्वरी
23. दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़) – दंतेश्वरी देवी
24. कालका (हरियाणा) – कालिका देवी
25. सोलन (हिमाचल प्रदेश) – शूलिनी देवी
26. अम्बिकापुर (छत्तीसगढ़) – अम्बिका देवी
27. आरा (बिहार) – अरण्य देवी
28. मीरजापुर (उत्तर प्रदेश) – लक्ष्मी मीरजा अर्थात् सागर द्वारा उत्पन्न। ये लक्ष्मीजी का अवतार हैं।
29. कटक (उड़ीसा) – कटक चंडी देवी
30. भद्रक (उड़ीसा) – माँ भद्रकाली
31. साम्भर (राजस्थान) – शाकम्बरी देवी – जहां साम्भर झील स्थित है जो अपने नमक के लिए प्रसिद्द है ।
32. तारापीठ (पश्चिम बंगाल) – माँ तारा
33. कोलार (कर्नाटका) – कोलारम्मा देवी
34. माउंट आबू (राजस्थान) – अर्बुदा देवी मंदिर, अर्बुदरन्य
35. चोटीला (गुजरात) – चामुंडा देवी
36. देवास (मध्य प्रदेश) – देवास का अर्थ है देवी का वास। देवास में वैशिनी टेकड़ी पर ३ देवी के मंदिर हैं। तुलजा भवानी, चंडिका तथा कालिका देवी।
37. चांदीपुर (उड़ीसा) – भुदारा चंडी देवी
38. सीतामढ़ी (बिहार) – जानकी देवी – देवी सीता का जन्मस्थल
39. विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) – वैशाखा – ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर वर्तमान में जलमग्न है।
40. वल्लिकवु (कोल्लम, केरल) – श्री वल्ली देवी
41. ढाका (बांग्लादेश) दकिनेश्वरी देवी अथवा दक्षिणेश्वरी देवी – इन्टरनेट बताता है यह बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर है।
42. चिट्टागोंग (बांग्लादेश) – छातेश्वरी देवी। चिट्टागोंग को छाताग्राम भी कहा जाता था।
इनके अतिरिक्त कुछ और नगरों के भी नाम मुझे प्राप्त हुए हैं किन्तु देवी के नामों से इनके संबंधों के पुष्टीकरण नहीं हो पाई है।
1. तारापुर – कदाचित माँ तारा के नाम पर आधारित । लेकिन मुझे इस सम्बन्ध में कहीं भी उल्लेख प्राप्त नहीं हुआ है।
2. अम्दावाद (गुजरात) – अहमदाबाद को आशावल, कर्णावती, राजनगर, श्रीनगर, श्रीपुर आदि नामों से भी जाना जाता है। कदाचित अंतिम नाम देवी से सम्बन्ध रखता हो। कदाचित किसी काल में देवी के इस रूप को समर्पित मंदिर यहाँ उपस्थित हो।
3. कांगरा (हिमाचल प्रदेश) – कांगरा देवी को व्रजेश्वरी देवी के नाम से भी जाना जाता है।
4. कोलाबा (मुम्बई) – कालबादेवी
5. सीताभेन्ग्रा (छत्तीसगढ़) – यह एक गुफा है। ज्ञात नहीं कि इस नाम से यहाँ कभी कोई नगरी भी थी।
6. दिल्ली – दिल्ली को किसी काल में योगिनिपुरी भी कहा जाता था। योगमाया, यह एकमेव जीवित योगिनी मंदिर है।
7. कोल्हापुर (महाराष्ट्र) – कोल्लम्मा देवी
8. अम्बात्तुर (तमिल नाडू) – यह देवी के इक्यान्नावे शक्तिपीठ पर आधारित नाम है। यहाँ देवी वैष्णवी की आराधना की जाती है।
कई देवियों के नामों से कदाचित आप अनभिज्ञ हो। याद रखिये वे स्थानीय आराध्य अथवा ग्राम देवियों के नाम भी हो सकते हैं।
यदि आप इनके अतिरिक्त अन्य स्थानों के नामों से परिचित हों जो देवी अथवा उनके किसी भी रूप पर आधारित हों, निम्न दर्शाए टिप्पणी खंड में उनका उल्लेख करना ना भूलें। यह इस संस्करण को अधिक संपन्न करने में अत्यंत सहायक होगा।
अंत में मैं उन सभी पाठकों का आभार मानना चाहती हूँ जिन्होंने ट्विट्टर के द्वारा मेरे प्रश्नोत्तरी को गंभीरता से लेकर नामों की सूची बनाने में योगदान दिया। इसके पूर्व भी पाठकों के सहयोग से मैंने एक संस्करण का संकलन किया था, भारतीय नगर जहां दो अथवा अधिक नदियाँ बहती हैं।
यह एक अद्भुत सहयोगी परियोजना है जो पाठकों के सहयोग से जन्म लेती है। यह मेरे अत्यंत आनंदमय सुयोग होगा यदि आपका सहयोग इसी प्रकार से प्राप्त होता रहे। यदि आपके समक्ष इस प्रकार के संस्करण हेतु सुझाव हों तो निम्न टिप्पणी खंड में अवश्य साझा करें।
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वाकई बहुत रुचिकर जानकारी आपके द्वारा दी गई है जो अपने रोजमर्रा की जिंदगी इतने शहरों के नाम लेते है वह हमारी पूज्यनीय देवियों के नाम पर उन शहरों का नामकरण है ऐसी अदभुत अद्वितीय जानकारी के लिए साधुवाद।
धन्यवाद संजय जी, हमें यह नाम अचंभित जार देते हैं – इस से यह पता चलता है की हम अपनी जड़ों से कितने कट चुके हैं। आशा है इस आभास से कुछ लोग फिर से अपनी जड़ों से जुड़ना शुरू करेंगे और हमारी संस्कृति फिर फूले फलेगी।