हैदराबाद का विविधताओं से भरा एक लंबा इतिहास है। दक्खन के पठारों में प्राकृतिक रूप से संतुलन बिठाये अनोखी प्राचीन चट्टानें हैं जो इसकी प्राचीनतम रचना हैं। एक ओर इसके आदिवासी रहवासी हैं जिनके इलाकों को आप नामों से पहचान सकते हैं। दूसरी ओर यह विश्व के कुछ सर्वाधिक धनाड्यों की नगरी है।
जहां हैदराबाद सूचना प्रोद्योगिकी उद्योग क्षेत्र में भारत के सर्वाधिक सफल नगरों में से एक है वहीं दूसरी ओर भारत के कई सर्वाधिक महत्वपूर्ण खिलाड़ी यहाँ निवास करते हैं। हैदराबाद की आकर्षक ऐतिहासिक इमारतों की एक लम्बी सूची है वहीं हैदराबाद अद्भुत एवं विविध संग्रहालयों की भी नगरी है। इस सब को एक संस्मरण में समेटना असंभव है। यह संस्मरण मैं समर्पित करती हूँ हैदराबाद के उन संग्रहालयों को जहां आप अपने अगले हैदराबाद यात्रा के समय कुछ ज्ञानवर्धक व मनोरंजक क्षण बिता सकते हैं।
हैदराबाद में देखने योग्य कुछ विलक्षण संग्रहालय
हैदराबाद के संग्रहालयों का अवलोकन का अर्थ है हैदराबाद की, एक प्राचीन नगरी से, अत्यंत आधुनिकता से भरपूर नगरी तक की यात्रा को समझना। इससे आप हैदराबाद को अच्छी तरह से जान सकते हैं।
सालारजंग संग्रहालय
सालारजंग संग्रहालय हैदराबाद का सर्वाधिक प्रसिद्ध संग्रहालय है। मूसी नदी के तीर पर मौलिक श्वेत रंग की यह रम्य इमारत किसी श्वेत पक्षी के खुले पंखों सी प्रतीत होती है। इसके संग्रह को देख विश्वास ही नहीं होता कि यह एक इकलौते व्यक्ति द्वारा संग्रहित वस्तुओं का भण्डार है। वह व्यक्ति थे सालारजंग। संग्रहालय की यह इमारत भारत के उन कुछ इमारतों में से है जिनका निर्माण विशेषतः संग्रहालय के रूप में ही किया गया था। इसी प्रकार से विशेष रूप से निर्मित एक अन्य इमारत है, दिल्ली का राष्ट्रीय संग्रहालय।
पत्थर में बनी, घूंघट ओढ़े रिबेक्का की मूर्ति हो या बोलती घड़ी जिसमें से गुड़ियायें बाहर निकलकर घंटी बजाते हैं, अथवा उच्च कोटि की चित्रकलाएं हों, या हाथीदांत एवं चीनी मिट्टी से बनी सुन्दर कलाकृतियाँ हों, सब आपको सम्मोहित कर देंगी। हैदराबाद में देखने योग्य उत्कृष्ट स्थलों में इसका स्थान सर्वप्रथम है।
सुधा कार संग्रहालय – हैदराबाद का सर्वाधिक सनकी संग्रहालय
हैदराबाद के संग्रहालयों में मेरा सबसे पसंदीदा संग्रहालय है, सुधा कार संग्रहालय। यह रचनात्मकता एवं नवीनता की पराकाष्ठा है। यदि उत्साह भरपूर हो तथा निश्चय दृड़ हो तो एक अकेले मानव की उपलब्धियां भी आकाश चूमने लगती हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है यह संग्रहालय। सुधाकरजी ने कई आकारों एवं आकृतियों में कार को परिवर्तित किया है।
उपयोग में आने वाली प्रत्येक वस्तु के आकार में आपको यहाँ कार दिख जायेगी। उदाहरणतः क्रिकेट बैट, बॉल, पिंजरा, पश्चिमी संडास कमोड, प्याला, पर्स, जूता, ऊंची एड़ी के सैंडल, हेलमेट, कैमरा, बर्गर, सोफा व अन्य कई। शिवलिंग के आकार की भी एक कार यहाँ है।
और पढ़ें:- हैदराबाद का सुधा कार संग्रहालय
मेरे अनुमान से यह भारत का सर्वाधिक सनकी व अभिनव संग्रहालय है।
पुरानी हवेली संग्रहालय
पुरानी हवेली, हैदराबाद के निज़ाम का आवासीय महल था। वर्तमान में यहाँ अन्य वस्तुओं के साथ साथ निजाम का संग्रहालय भी है।
यह एक अत्यंत अनूठा संग्रहालय है। यहाँ निजाम की एक दुमंजिली अलमारी है जिसमें १२४ द्वार हैं। यह १२० फीट लम्बे एक कक्ष के दोनों ओर फैली हुई है। निजाम को अलमारी की दोनों मंजिलों तक पहुंचाने के लिए प्रयोग की गयी हस्तचालित लिफ्ट अब भी यहाँ है। जी हाँ, आपका अनुमान सही है। यह विश्व की सर्वाधिक विशाल अलमारी है।
और पढ़ें:- पुराने हैदराबाद की पुरानी हवेली का पदभ्रमण
यह भी हैदराबाद का एक और विचित्र संग्रहालय है जो इस धरती के सर्वाधिक धनाड्य किन्तु सबसे कंजूस व्यक्ति से आपका परिचय कराता है, हैदराबाद के निज़ाम। उनके वस्त्र जो यहाँ प्रदर्शित हैं, वे अन्य स्थलों में प्रदर्शित राजसी वस्त्रों से अपेक्षाकृत सादे प्रतीत हुए। अधिकतर वे श्वेत लखनवी कुर्ते थे।
और पढ़ें – लखनऊ जाएँ तो क्या लायें
आप यहाँ कुछ सूक्ष्म चित्रकारी देख सकते हैं जिनमें निजाम परिवार की वंशावली अत्यंत रचनात्मक प्रकार से की गयी है।
तेलंगाना राज्य संग्रहालय
पब्लिक गार्डन्स अर्थात् बाग़-ए-आम, निजाम द्वारा बनवाया गया हैदराबाद का प्राचीनतम ऐतिहासिक बाग़ है जहां हैदराबाद के कई प्रतिष्ठित इमारतों के साथ साथ कई संग्रहालय भी हैं। इनमें विशालतम एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण संग्रहालय है तेलंगाना राज्य पुरातात्विक संग्रहालय। जब मैंने इसके दर्शन किये थे, तब आंध्र प्रदेश विभाजित नहीं हुआ था तथा इसे आन्ध्र प्रदेश राज्य संग्रहालय कहा जाता था।
और पढ़ें:- हैदराबाद के बाग़-ए-आम के संग्रहालय
यहाँ अमरावती से लाई गयी मनोहारी बौध प्रतिमाएं हैं। एक ताबूत में रखे बुद्ध के अवशेष भी आप यहाँ देख सकते हैं। जैन दीर्घा में कई आकर्षक जैन प्रतिमाएं हैं। काकातिया वास्तुकला में बने द्वार-स्तंभ निहारने योग्य हैं।
स्वास्थ्य संग्रहालय
स्वास्थ्य संग्रहालय भी हैदराबाद के बाग़-ए-आम में स्थित है। यह छोटा होते हुए भी एक अनोखा संग्रहालय है जो स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के महत्त्व को बल देता है। पोषण व स्वास्थ्य तथा मातृत्व व प्रसव पर केन्द्रित यह पुराना संग्रहालय एक छोटे कक्ष में संग्रहित है। स्वतंत्रता के पश्चात निर्मित इस संग्रहालय में उस काल की स्वास्थ्य दशा एवं व्याधियां दर्शाई गयी हैं।
पुरातत्व संग्रहालय – गनफाउंड्री
आदर्श रूप से यह एक ठेठ पुरातत्व संग्रहालय है जिसकी वृत्ताकार संरचना अनूठी है। इसे देख मुझे चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय का छात्र केंद्र स्मरण हो आया। यहाँ आप काकातिया के उत्कृष्ट द्वार स्तंभ देखना ना भूलें। साथ ही हैदराबाद क्षेत्र के पूर्व ऐतिहासिक अवशेषों को भी अवश्य देखें। विशेषतः वे अवशेष जो सदियों पुरानी दफ़न प्रथाओं से सम्बंधित हैं।
बिड़ला विज्ञान संग्रहालय एवं तारामंडल
नौबत पहाड़ पर स्थित शुद्ध श्वेत रंग के बिड़ला मंदिर के एक ओर, स्तंभों से घिरा पदमार्ग आपको कांच व इस्पात से निर्मित एक विशाल इमारत तक ले जाएगा। यह हैदराबाद का बिड़ला विज्ञान संग्रहालय एवं तारामंडल है। यह एक अद्भुत संग्रहालय है जो विज्ञान के मूलभूत सिद्धांतों को नमूनों एवं प्रयोगों द्वारा सरलता से समझाता है। यह आपको आपके विद्यार्थी जीवन एवं विज्ञान पुस्तकों के विश्व में ले जाएगा। यहाँ आकर आप भी बच्चे बन जायेंगे।
और पढ़ें:- हैदराबाद का बिड़ला विज्ञान संग्रहालय एवं तारामंडल
एक ओर डायनासोरस के अवशेष रखे हैं। द्वारका के समुद्र के भीतर की गयी खुदाई का भी नमूना रखा हुआ है।
सांस्कृतिक कला दीर्घा संस्थान
यह कला दीर्घा नौबत पहाड़ पर स्थित बिड़ला विज्ञान संग्रहालय के परिसर के भीतर ही स्थित है। जिस समय मैंने इस कला दीर्घा का भ्रमण किया था तब यहाँ कृष्ण के अप्रतिम विश्वरूप का सुन्दर प्रदर्शन किया गया था। निचली मंजिल पर गुरचरण दास जैसे चित्रकारों की समकालीन चित्रकारियाँ हैं जिनमें वर्तमान से लेकर महाकाव्यों की कथाओं तक के विषय चित्रित हैं।
निर्मला बिड़ला संग्रहालय
यह संग्रहालय भी बिड़ला विज्ञान संग्रहालय के परिसर के भीतर ही स्थित है। इस संग्रहालय में चीनी मिट्टी की वस्तुओं, गुड़ियों, हाथी दन्त में उत्कीर्णित वस्तुओं, बिदरी कलाकारी एवं तंजावुर की चित्रकारियों का सर्वोत्तम संग्रह है। यह हैदराबाद के गुप्त रहस्यों में से एक है। यदि आपको संग्रहालय प्रिय हैं तो इस संग्रहालय में आपको अधिक समय व्यतीत करना चाहिए। कई वर्षों पूर्व देखी उल्टे नटराज की प्रतिमा मुझे अब भी स्मरण है।
चौमहल्ला महल अथवा चौमहल्ला पैलेस
हैदराबाद के निज़ाम का यह प्यारा सा महल पुराने हैदराबाद के लाड बाजार अथवा चूड़ी बाजार के दूसरे छोर पर स्थित है। औपनिवेशिक युग का यह महल अपने आप में एक आकर्षक संग्रहालय है। इसके दरबार में आप विशाल झूमर देखेंगे जो बेल्जियम से लाया गया है। अन्य स्थानों पर आप पुराने रेडियो तथा अनोखी प्राचीन घड़ियाँ देख सकते हैं। यहाँ निजाम का पुरानी विंटेज कारों का भी संग्रह है जिनमें अधिकतर अब भी चालू स्थिति में हैं। आप में से जिन्हें भी इन पुरानी विंटेज कारों में रूचि है, उनके लिए यह अद्भुत संग्रह है।
ओर पढ़ें:- चारमीनार से चौमहल्ला तक पदयात्रा
नेहरु शताब्दी आदिवासी संग्रहालय, बंजारा हिल्स
आँध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में कई आदिवासी समुदाय हैं। इनमें चेंचू, लम्बाड़ा, पुर्जा, येरुकला इत्यादि मुख्य हैं। इनमें से कुछ जातियां एक पहाड़ी पर निवास करती थीं जो अब हैदराबाद का एक आधुनिक रहवासी क्षेत्र है। इस क्षेत्र को बंजारा हिल्स कहा जाता है। स्पष्टतः हैदराबाद के आदिवासी संग्रहालय के लिए बंजारा हिल्स का चुनाव सबसे उपयुक्त है। इस संग्रहालय में कई चित्रावालियाँ हैं जो विभिन्न आदिवासी समुदायों की जीवनशैली प्रदर्शित करती हैं। आप वहीं खड़े होकर विभिन्न समुदायों के बीच तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं।
मुझे जो चित्रावली अत्यन्य भायी वह है आदमकद आकार में नृत्य दृश्य।
और पढ़ें:- बंजारा हिल्स में हैदराबाद का आदिवासी विरासत
जगदीश एवं कमला मित्तल भारतीय कला संग्रहालय
यह एक व्यक्तिगत संग्रहालय है। अतः इसके अवलोकन के लिए पूर्व अनुमति आवश्यक है। यह मेरा सौभाग्य था कि मैं यहाँ श्री जगदीश मित्तल जी से मेरी भेंट हो गयी। उनका घर भारतीय कला पर आधारित पुस्तकों से भरा हुआ है। उन्होंने स्वयं भी भारतीय कला पर कई पुस्तकें लिखी हैं। उन्होंने जिस प्रकार राजस्थानी सूक्ष्म चित्रावलियों को सहेज कर रखा था, वह मुझे अब भी स्मरण है। अधिक जानकारी के लिए उनके इस संकेत स्थल पर संपर्क करें।
शिल्परमम का ग्रामीण संग्रहालय
शिल्परमम दिल्ली हाट के सामान है। कारीगर यहाँ हस्तनिर्मित वस्तुएं एवं कलाकृतियाँ स्वयं बनाकर बेचते हैं। कुछ स्थान नाट्य-संगीत प्रदर्शनों के लिए निश्चित किये गए हैं। यहाँ सदैव उत्सव का वातावरण बना रहता है। यहाँ एक छोटा ग्रामीण संग्रहालय है। देखा जाय तो यह अन्य संग्रहालय के सामान नहीं है, बल्कि वास्तव में यह इस क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की प्रतिकृति है। जो भी हो, यह स्थान आपको अवश्य आनंदित कर देगा। क्यों न हो? शहरी परिवेश से त्रस्त लोगों को ऐसा ग्रामीण वातावरण शान्ति प्रदान करता है।
यहाँ आप आँध्रप्रदेश एवं तेलंगाना क्षेत्र के आदिवासियों के प्रसिद्ध सिक्कों के गहने अवश्य ढूंढें।
सुरेंद्रपुरी का पौराणिक संग्रहालय
सुरेंद्रपुरी का यह पौराणिक संग्रहालय हैदराबाद के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है। यह भी एक अनूठा संग्रहालय है। यहाँ पर हिंदू महाकाव्यों पर आधारित दृश्यों एवं उनमें स्थित देवी देवताओं को पुनः सजीव किया है।
और पढ़ें:- सुरेंद्रपुरी का पौराणिक संग्रहालय
प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय – नेहरु चिड़ियाघर
नेहरु प्राणी उद्यान का प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय आपको इस धरती के प्राकृतिक इतिहास का भ्रमण कराएगा। साथ ही नेहरु प्राणी उद्यान में आप कई अनूठे पशु-पक्षी देख सकते हैं। इनमें श्वेत मोर एवं श्वेत शेर अत्यंत आकर्षक एवं अनोखे हैं।
और पढ़ें:- हैदराबाद का नेहरु प्राणी उद्यान
अनुराधा जी,
बहुत ही सुंदर जानकारी….अभी तक केवल हैदराबाद के प्रसिद्ध सालारजंग संग्रहालय के बारे में ही पता था , हैदराबाद के अन्य संग्रहालयों के बारें में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई । अगली बार हैदराबाद जाने पर इन संग्रहालयों को देखने का अवश्य प्रयास करेंगे । रोचक जानकारी हेतू धन्यवाद !
यह देश और इसके नगर भरपूर हैं इन विभूतियों से, बस कोई हमें बताता ही नहीं है.