ताला बिलासपुर का देवरानी जेठानी मंदिर परिसर

ताला का देवरानी-जेठानी का मंदिर, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ 

ताला और मल्हार जैसे नाम सुनते ही सबसे पहले आपके दिमाग में एक ऐसी जगह आती है जो संगीत से जुड़ी हो, लेकिन वास्तव में यह जगह छत्तीसगढ़ की वास्तुकला संबंधी विरासत का प्रमुख...
देवबलोदा शिव मंदिर की मनोहर कलाकृतियाँ

देवबलोदा का रहस्यमयी शिव मंदिर – रायपुर छत्तीसगढ़

भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के देवबलोदा नामक गाँव की गोद में बसा हुआ है जो राजधानी रायपुर से लगभग २२ किमी दूर स्थित है। रायपुर-दुर्ग महामार्ग पर, भिलाई-३ चरोदा की...
अचानकमार वन्य प्राणी अभ्यारण्य छत्तीसगढ़

अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य से जुड़े उपाख्यान और मिथक, छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में बसे इस अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य में हम देर रात को पहुंचे। यद्यपि उस अंधेरी रात में हम आस-पास के ऊंचे-ऊंचे पेड़ देख सकते थे, लेकिन इसके अलावा हमे वहाँ...
एकताल ढोकरा धातु शिल्प ग्राम छत्तीसगढ़

एकताल – शिल्प और कला का गाँव, छत्तीसगढ़

एकताल - छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के पास बसा यह छोटा सा साधारण गाँव शिल्प और कला का प्रमुख केंद्र माना जाता है। इस गाँव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अनेकों...
कालिदास की नाट्यशाला

कालिदास की नाट्यशाला – रामगढ छत्तीसगढ़ की एक प्राचीन धरोहर

संस्कृत के महान कवि कालिदास के बारे तो आप सब जानते ही हैं। उनकी कथाओं, काव्यों और अन्य साहित्यिक कृतियों से भी आप अवश्य परिचित होंगे; लेकिन क्या आप भारत में स्थित उनसे जुड़ी...
पुरखौती मुक्तांगन की दीवारों पे चित्रकारी

पुरखौती मुक्तांगन – पूर्वजों को समर्पित भावपूर्ण श्रद्धांजलि, नया रायपुर 

नए रायपुर की चौड़ी, व्यापक और बिजली के खंबों से पंक्तिबद्ध सड़कें आपको इस 200 एकड़ के संस्कृति और विरासत से जुड़े संग्रहालय तक ले जाती हैं, जिसे पुरखौती मुक्तांगन कहा जाता है। जब...
प्रातः बिखरे महुआ के हलके पीले पुष्प

महुआ के फूलों के रंग – छत्तीसगढ़ यात्रा के कुछ अनुभव

महुआ के महकते फूल - अब तक इन फूलों के बारे में मैंने सिर्फ कहानियों, गीतों और लोककथाओं में ही सुना था। मुझे कभी भी इन फूलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर...
ताला छत्तीसगढ़ के रुद्रशिव की प्रतिमा

ताला की अद्वितीय रुद्रशिव की मूर्ति – छत्तीसगढ़ 

रुद्रशिव की अद्वितीय मूर्ति  ताला की रुद्रशिव की यह अद्वितीय मूर्ति शिल्पकला का सबसे अनोखा रचनांश है। लाल बलुआ पत्थर से बनी यह मूर्ति दो मीटर से भी अधिक ऊंची है। मूर्तिकला का ऐसा...

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