बंगलुरु से मैसूर तक – कर्नाटक का रेशम पथ
बंगलुरु के रेशम पथ अथवा सिल्क रूट का आरम्भ बंगलुरु के प्रसिद्ध सिल्क बोर्ड जंक्शन से होता है। जी हाँ, यह वही सिल्क बोर्ड जंक्शन है जिसे पार करने के लिए पथिकों को घंटों...
उडुपी का श्री कृष्ण मठ भक्तों का लोकप्रिय मंदिर
भारत के पश्चिमी तट पर बसी उडुपी मंदिरों की नगरी है जो भक्तों का बड़े उत्साह से स्वागत करती है। यह एक परशुराम क्षेत्र है जिसके मध्य में श्री कृष्ण मठ स्थित है। साथ...
अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर एवं कुद्रेमुख राष्ट्रीय उद्यान
होरनाडु, प्रकृति की गोद में स्थित एक मनमोहक व अत्यंत दर्शनीय गाँव है। यह कर्णाटक के चिकमगलुरु जिले के अंतर्गत, मुदिगेरे तालुका के अप्रतिम परिदृश्यों से युक्त पश्चिमी घाट में स्थित है। यह स्थान...
होयसल मंदिर – देखिये कर्नाटक के ११ प्राचीन उत्कृष्ट मंदिर
आधुनिक कर्नाटक में ११वी. से १३ वीं. सदी के मध्य होयसल राजवंश का साम्राज्य था। कला, साहित्य एवं धर्म के क्षेत्र में होयसल वंश की सदैव रुचि रही तथा उन्होंने सदा इनका संरक्षण किया।...
गोकर्ण – कर्नाटक के प्राचीन तीर्थ एवं पर्यटक स्थल
अप्रतिम सौंदर्य से परिपूर्ण, भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गोकर्ण एक प्राचीन तीर्थ क्षेत्र है। यह एक ओर समुद्र तथा तीन ओर पर्वतों से घिरा हुआ है। पुराणों में इस स्थान का उल्लेख...
होयसलेश्वर मन्दिर – हैलेबिडु कर्नाटक स्थित अद्भुत होयसल धरोहर
कर्नाटक के बंगलुरु से लगभग २०० किलोमीटर दूर स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर नगरी है, हैलेबिडु। कला एवं साहित्य के संरक्षक माने जाते होयसल राजवंश की यह राजधानी थी। ‘हैलेबिडु’ का कन्नड़ भाषा में शब्दशः...
चेन्नाकेशव मंदिर- कर्नाटक के बेलूर की अमूल्य धरोहर
बेलूर कर्नाटक के हासन जनपद में स्थित एक छोटा सा नगर है। यागाची नदी के तीर स्थित यह नगर चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। वेलापुरा के नाम से भी जाना जाने...
पडी इग्गुथप्पा मंदिर कूर्ग के अधिष्ठात्र देवता से एक साक्षात्कार
इग्गुथप्पा को समर्पित पडी इग्गुथप्पा मंदिर कूर्ग का अत्यंत महत्वपूर्ण मंदिर है। इग्गुथप्पा कोडगू अथवा कूर्ग के प्रमुख देवता हैं तथा कोडवा समुदाय के कुल देवता हैं। प्राचीन काल में वे कदाचित वर्षा एवं...
विभूति झरना, याना शिलाएं, मिर्जन दुर्ग- उत्तर कन्नड़ में सड़क यात्रा
उत्तर कन्नड़ भ्रमण के समय सिरसी से गोकर्ण की यात्रा करते हुए अधिकतर पर्यटक गोकर्ण के समुद्र तटों का आनंद उठाने हेतु इच्छुक रहते हैं। क्यों ना हों! गोकर्ण के समुद्र तट हैं ही...
मत्तूर – कर्नाटक के शिवमोग्गा का संस्कृत भाषी गाँव
जब से मैंने सुना कि मत्तूर गाँव का बच्चा बच्चा संस्कृत में वार्तालाप करता है, मैं इस गाँव को देखने के लिए आतुर थी। मन में उत्सुकता जागृत हो गयी, प्राचीन काल में जो...